THE SMART TRICK OF SIDH KUNJIKA THAT NO ONE IS DISCUSSING

The smart Trick of sidh kunjika That No One is Discussing

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दकारादि दुर्गा अष्टोत्तर शत नामावलि

धिजाग्रं धिजाग्रं त्रोटय त्रोटय दीप्तं कुरु कुरु स्वाहा।।

देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति प्रथमोऽध्यायः

पां पीं पूं पार्वती पूर्णा खां खीं खूं खेचरी तथा ।

ज्वालय ज्वालय ज्वल ज्वल प्रज्वल प्रज्वल

चामुण्डा चण्डघाती च यैकारी वरदायिनी ।

देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति अष्टमोऽध्यायः

अति गुह्यतरं देवि देवानामपि दुर्लभम् ॥ ३ ॥

इस पाठ के करने से अष्टसिद्धियां प्राप्त होती हैं.

धिजाग्रं धिजाग्रं त्रोटय त्रोटय दीप्तं कुरु कुरु स्वाहा॥

iti śrīrudrayāmalē gaurītantrē śiva pārvatī saṁvādē kuñjikā stōtraṁ sampūrṇam

नमस्ते रुद्ररूपिण्यै नमस्ते मधुमर्दिनि ।

'सुक्खू सरकार से लिखित आश्वासन मिलने तक धरना जारी', वोकेशनल टीचर्स वेलफेयर एसोसिएशन की दो टूक

सिद्ध कुंजिका स्तोत्र का पाठ परम कल्याणकारी है। सिद्ध कुंजिका स्तोत्र आपके जीवन की समस्याओं और विघ्नों को दूर करने के लिए एक शक्तिशाली उपाय है। मां दुर्गा के इस स्तोत्र का जो मनुष्य विषम परिस्थितियों में वाचन करता है, उसके समस्त कष्टों का अंत होता है। प्रस्तुत है श्रीरुद्रयामल के check here गौरीतंत्र में वर्णित सिद्ध कुंजिका स्तोत्र। सिद्ध कुंजिका स्तोत्र के लाभ

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